ऋषिकेश स्थित एम्स के निदेशक व केजीएमयू के पूर्व कुलपति प्रो. रविकांत को चिकित्सा शिक्षा विभाग के मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के फर्जी हस्ताक्षर करके प्रशस्तिपत्र भेजने का मामला सामने आया है। फर्जी प्रशस्तिपत्र के बारे में मंत्री को पता चला तो उन्होंने कार्रवाई के आदेश दिए।
इसके बाद निजी सचिव प्रथम छोटेलाल ने हजरतगंज कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई। इंस्पेक्टर संतोष कुमार सिंह का कहना है कि प्रशस्तिपत्र किसने बनाया और उसे प्रो. रविकांत तक किसने पहुंचाया, इसकी जांच की जा रही है।
इंस्पेक्टर ने बताया कि प्रशस्तिपत्र बनाने वाले ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री का जाली लेटरपैड भी तैयार किया था। प्रशस्तिपत्र पर कमल का फूल बना है जो मंत्री के शासकीय लेटरहेड पर नहीं होता। लेटरहेड पर चिकित्सा शिक्षा विभाग का नाम भी गलत तरीके से लिखा गया है। फर्जी प्रशस्तिपत्र की जानकारी मंत्री को बीते महीने मिली थी।
उन्होंने पुलिस आयुक्त से शिकायत की, जिसके बाद मामले की जांच की गई। जांच में प्रशस्तिपत्र के फर्जी होने की पुष्टि के बाद एफआईआर दर्ज की गई। अब मंत्री का फर्जी लेटरपैड बनवाकर उनके फर्जी हस्ताक्षर करने वाले व्यक्ति के बारे में पता लगाया जा रहा है।