कासगंज में श्रीगोवर्धन मठ पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि देश में आजादी मिली लेकिन हिंदू पहले नंबर का नागरिक नहीं है। भारत की पहचान विश्व स्तर पर नहीं है। भारत अपनी शक्ति का प्रयोग नहीं कर पा रहा।
शंकराचार्य शुक्रवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए भक्तों की गोष्ठी में बोल रहे थे। पत्रकारों ने जब नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर उनसे सवाल पूछा तो उन्होंने एक द्रष्टांत के माध्यम से इसे एक षड्यंत्र करार दिया। उन्होंने कहा कि देश में राजधर्म, छात्रधर्म का प्रयोग नहीं हो रहा। देश में उन्माद की राजनीति हो रही है।
भारत में कोई दल सत्ता लोलुपता से नहीं बचा है और क्षदम तरीके से सत्ता हथियाना राजनीति नहीं है। उन्होंने पीएम मोदी पर कहा कि उनके पास कोई प्रकल्प नहीं है। उनकी स्मार्ट सिटी की योजना पाश्चात संस्कृति के कदम है। उन्होंने संकेतों के माध्यम से कहा कि वे अपने आप को व्यास पीठ का पुरोधा मानते हैं।
भारत की राजा प्रथा को अंग्रेजों ने भारत में तो खत्म करा दिया, लेकिन उनके देश में आज भी यह व्यवस्था लागू है। उन्होंने राजनीतिक दलों को सनातन धर्म के अनुरूप राजनीति करने की नसीहत दी।
विपक्ष की भूमिका पर कहा कि अनुकूल कदम पर शासन सरकार का सहयोग करना चाहिए, जबकि गलत करने पर विरोध। क्योंकि कोई भी गाड़ी एक पहिए से नहीं चल सकती। विकास के नाम पर उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पृथ्वी, पानी, पवन, पर्वत, प्रकाश, ऊर्जा के सभी स्रोत विकृत हो रहे हैं यह कैसा विकास है। उन्होंने कहा कि सनातन सिद्धांत के बिना कुछ भी संभव नहीं है।
इस यांत्रिक युग में मेघा शक्ति, श्रम शक्ति आदि का समुचित प्रयोग नहीं हो रहा। शंकराचार्य ने भक्तों की ओर से उठाए गए सवालों के विस्तार से उत्तर दिए। इस दौरान बड़ी संख्या में भक्तगण मौजूद रहे। भक्तों को फलों का प्रसाद वितरित किया गया।