नॉन-इशू को इशू ग नुवादी मीडिया अपने साधनों व संसाधनों द्वारा इशू (मुद्दे) को नॉन-इशू में बदल कर नॉन-इशू को इशू बनाता है। शिक्षा, बेरोजगारी, निजीकरण, जातीयता, दुष्कर्म आदि घट रही घटनाओं पर आँख मूंद लेता है और जो नॉन-इशू है जैसे - एन.आर.सी., हिन्दू-मुसलमान, पाक का मुद्दा, कारगील, जन्मभूमि आदि को इतना उछालता है कि इसके अलावा कोई समस्या ही नहीं है, हाल ही में डॉ. अम्बेडकर नगर (महू) में छात्रों की समस्या हो या जेएनयू में निःशुल्क शिक्षा हेतू चलाया जा रहा आंदोलन या ई.वी.एम. । पेपर उठाओ तो मोदी, टीवी देखो तो मोदी और न्यूज सुनो तो भी मोदी से शुरूआत होती है। अब विविध भारती पर भजन भी हिन्दू धर्म आधारित भजनों से होती हैं। आज चारों तरफ मनुवादी ताकतें आपको अपनी चंगुल में लेना चाहती है- साम, दाम, दंड, भेद और नीति से । अब बचना है आपको अन्यथा उनका चक्रव्यूह इतना मजबूत है। हमारे अच्छे-सुलझे कार्यकर्ता भी इनके जाल में फंस जाते हैं। हम तो चाहते पन्नालाल 'प्रेमी हैं आप मनुवाद से बचे रहो । जय भीम! . राजा बली समाज मा., इन्दौर (सम्पादकीय मनतव्य)
नॉन-इशू को इशू बनाते मनुवादी