ब्राह्मण (मनुवादी) संविधान को समाप्त क्यों करना चाहता है

समाप्त क्यों करना वा ह्मण (मनुवादी) संविधान को प्रा समाप्त क्यों करना चाहता है उसके कारण नीचे के बिंदुओं से जाने(1) संविधान के आर्टिकल 340 के अनुसार OBC, SC, ST हिन्दू नहीं है। इसका पता हिन्दू शास्त्रों से भी चलता है। हिन्दू शास्त्र मनुस्मृति के अनुसार चार वर्णों और जातियां इस प्रकार है(a) ब्राह्मण एक वर्ण एक जात । (b) क्षत्रिय एक वर्ण एक जात।(c) वैश्य एक वर्ण एक जात। (d) शूद्र एक वर्ण, लेकिन 6000 से अधिक टुकड़ों में (जाट, गुर्जर, धोबी, लखारा, माली, तेली, निषाद, लुहार, धनगर, नाई, सोनार, चामर, भंगी, खटीक, रैगर, नायक, सुथार, राव आदि-आदि) जातियाँ बाँट रखी हैं, ताकि ये जाति व्यवस्था से टुकड़ों में ही रहे, संगठित हो ही नहीं और इनको बाँटने वाले का ये कभी विरोध नहीं कर सके। इन 6000 से ज्यादा सभी जातियों को संविधान में अनुसूचियाँ के अनुसार अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ी जाति (OBC) का संवैधानिक दर्जा दिया गया। (2) हिन्दू शास्त्र मनुस्मृति के अनुसार इन सभी शूद्रों तेली, तम्बोली, भंगी, चमार, जाट, गुर्जर, आदि को ऊपर वा करने का ही के तीनों वर्गों की सेवा करने का ही काम रहता था। - शूद्रों को धन रखने का अधिकार नहीं था। - शूद्रों को अच्छे कपड़े पहनने का अधिकार नहीं था। - शूद्र औरतों को ब्लाऊज पहनने का अधिकार नही था। शूद्र महिलाओं |को भरे बाजार में अपने स्तनों को |खुला रखकर चलना पड़ता था। - शूद्रों को ऊपर के तीनों वर्गों के घर के बाहर चप्पल हाथ में लेकर नंगे |पांव चलना पड़ता था। - शूद्रों को अच्छा खाने का अधिकार नहीं था। (3) हिन्दू धर्म और आयुर्वेद के अनुसार बासी खाना और जूठा खाना परोसने देने का वर्णन मनुस्मृति में लिखा पड़ा है। (4) शूद्रों को मंदिरों में जाने की मनाही है। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार यदि शूद्र मंदिर के भंडारों में पैसा डालने वाले अधिकांश लोग शूद्र ही है और पैसा सिर्फ ब्राह्मण लोग ही निकालते हैं। (5) शूद्रों को अछूत (जो छूने योग्य नहीं हो या जिसके छूने से ऊपर के तीनों वर्ण ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य अपवित्र हो जाएँ) का दर्जा इसलिए शूद्र इन तीनों वर्गों से अलग है। अछूत और तीनों वर्गों से अलग होने से शूद्रों को हिन्दू नहीं कह सकते और संविधान ने भी इन शूद्रों को OBC, SC, ST अनुसूचियों में डाल हिन्दू नहीं होने का उल्लेख आर्टिकल 340 में किया गया। 6) ब्राह्मणों को डर है कि यदि शूद्रों (OBC, SC,ST) को संविधान के आर्टिकल 340 और शूद्रों के इतिहास का पता चल गया, उस दिन से शूद्र हिन्दू नहीं रहेगा। इसलिए शूद्र को मुसलमान का डर बताकर हिन्दू बनाए रख OBC, sc.ST वोट लेने का षड्यंत्र चाल रखा है। - कमेरी दुनिया मा., कानपुर (यू.पी.)